सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में चोरी के आरोप में जिला जेल में बंद अनुसूचित जाति के सितार सिंह की मेरठ मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं गुस्साए परिजन ट्रैक्टर- ट्रॉली में शव को रखकर ग्रामीणों के साथ बुधवार को काफी संख्या में पुलिस लाइन पहुंचे और जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरसावा पुलिस ने पहले उसे थर्ड डिग्री दी। फिर इसके बाद जेल में बंद कर दिया। परिजनों का यह भी आरोप है कि जिला चिकित्सालय 7 स सहा उपचार नहा मिल पाया। जिसकी वजह से उसकी मात हो गईबसपा के पर्व जिला अध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद, लियाकत अली, विनोद तेजियान, राजकुमार सहित अन्य के साथ बंदी के परिजन और ग्रामीण बुधवार दोपहर काफी संख्या में पुलिस लाइन पहुंचे। बंदी के परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने एसपी देहात को बताया कि बताया कि सितार सिंह को दो मार्च को चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरसावा थाना प्रभारी अशोक सोलंकी सहित अन्य पलिस कर्मचारियों ने सितार सिंह के साथ मारपीट की। उसे थर्ड डिग्री दी गई। इससे उसकी हालत और बिगड़ गई। सरकारी अस्पताल में उसका साठगांठ से मेडिकल बनाकर जेल भेज दिया गया। जेल अस्पताल में भी उसे सही उपचार नहीं मिला। इसके बाद आठ मार्च को जिला चिकित्सालय भेज दिया गया और यहां से मेरठ मेडिकल भेज दिया गया। वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सितार सिंह की हालत के बारे में परिजनों को सही सचना नहीं दी गई। वहीं एसपी देहात विद्या सागर मिश्र एसपी सिटी विनीत भटनागर सहित अन्य अधिकारियों ने प्रकरण की मजिस्ट्रेट जांच का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कर लौटाया। सितार सिंह के पिता सिताब सिंह सहित अन्य परिजनों ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार होने से पहले गांव के सरवत, महताब, शादाब और रियासत ने उसके पुत्र को पकड़कर बुरी तरह पीटा था। इसके बाद उसे पुलिस को सौंपागया था।परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने पुलिस अफसरों के ग्रामीणों ने पलिस अफसरों के सामने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। एसपी देहात विद्या सागर मिश्र और एसपी सिटी विनीत भटनागर सहित अन्य अधिकारियों के काफी समझाने के बाद ग्रामीण शांत हए। हंगामा कर रहे लोगों को समझाते हा एसपी देहात विद्या सागर मिश्र न आश्वासन दिया कि इस मामल म अब मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी। मजिस्ट्रेट जांच में ही अब हर स्तर का लापरवाही का स्यात की जाच की जाएगी। इसके बाद आग का कारवाई होगा। वारष्ठ जल अधीक्षक डा. वारश शमा का कहना है कि बंदी सितार सिह का तबायत खराब समय से ही उपचार कराया जा रहा था। पहल जिला अस्पताल में उपचार दिया गया। भजा गया। वहा हालत न सुधरन पर मेरठ मेडिकल कॉलेज में उपचार दिलाया गया। वहां हुई है। सितार सिंह ड्रग एडिक्ट था। पास्टमाटम रिपाट मलावर डमज मिला है। उस लावर साइराासस का गभार बामारा बताइ गई है। इसके चलते मौत हुई है। जेल प्रशासन की ओर से काइ लापरवाहा नहा का गइहा
सहारनपुर जेल में कैदी की मौत के बाद जमकर हंगामा, मचा हड़कंप