पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों का ऐलान, अपने राज्यों में नहीं लागू करेंगे CAB

तीन राज्यों पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे अपने-अपने राज्यों में लागू नहीं करने का ऐलान किया है। बता दें इस बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी मंजूरी दे चुके हैं जिसके बाद अब यह कानून बन चुका है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सीएबी व नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन (एनआरसी), दोनों को गलत बतायाकैप्टन ने कहा बताया। कैप्टन ने कहा कि पंजाब किसी हालत में इस विधेयक को मंजूर नहीं करेगा, क्योंकि यह भी एनआरसी की तरह लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। उन्होंने कहा कि पंजाब में इसे लागू नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत- पाकिस्तान सीमा का एक लंबा हिस्सा सीमावर्ती राज्य पंजाब से लगता है। भारत से पाकिस्तान जाने व पाकिस्तान से भारत आने का सबसे प्रमुख रास्ता भी पंजाब से ही होकर जाता है व इसी रास्ते सैकड़ों हिंदू शरणार्थी भारत आए हैं। इन शरणार्थियों में से कई परिवार अभी भी पंजाब में ही रह रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि केरल CAB को स्वीकार नहीं करेगा। विजयन ने इस संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक आधारों पर बांटने की कोशिश कर रही है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (जो कि इस बिल की विरोधी रही हैं) ने खड़गपुर में कहा, मेरे शासन में यह बिल राज्य में लोगों पर लागू नहीं पाएगा। टक्च से डरने की जरूरत नहीं है। हम आपके साथ हैं। जब तक हम यहां हैं कोई इसे आप पर नहीं थोप सकता। पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार में मंत्री डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब दोनों लागू नहीं किए जाएंगे। ओ ब्रायन ने कहा कि सीएम ममता पहले ही यह बात कह चुकी हैं।